सोमवार, 30 दिसंबर 2024

भारत विश्वगुरु कब बनेगा..??

अगर आपको इतिहास में रुचि है,या फिर आप इतिहास को जानते है तो आपको भली-भांति पता होगा कि भारत प्राचीन और मध्यकाल में,पूरे विश्व मे अपना प्रमुख स्थान क्यों रखता था..??



भले ही आज हम आर्थिक प्रगति कर रहें है..और आर्थिक रूप से हम GDP के मामले में टॉप 5 देशों में आते है,मगर उसका दूसरा पहलू ये है कि पर कैपिटा GDP इनकम के मामले में हम टॉप हंड्रेड देशों के सूची(141) में भी नही आते..।

आखिर क्यों..??

प्राचीन काल मे भारत की जनसंख्या विश्व की जनसंख्या का लगभग 33% था, वंही GDP विश्व के GDP का 33-35% था

और मध्यकाल में भारत की जनसंख्या विश्व की जनसंख्या का ~28% था, वंही GDP विश्व के GDP का 30-33%...

आखिर फिर क्या हुआ कि भारत पिछड़ गया....??

ये सबको पता है कि 1700 ईस्वी के बाद भारत ब्रिटेन के चंगुल में फंसता गया और भारत को निचोड़ता गया..भारत को  निचोड़ कर ही यूरोप में औद्योगिक क्रांति की शुरुआत हुई,और यूरोप इस क्रांति से इतना संपन्न हुआ कि पूरे विश्व पे अपना छाप छोड़ा जो अभी भी दिख रहा है..।

मगर 1947 में हमें आजादी मिल गई भले ही हमें उस तरह से नही मिली,मगर मिल गई..फिर आखिर क्या हुआ की हम खड़ा होना तो शुरू किए मगर अभी तक उस अवस्था मे खड़े नही हो पाए ...??

क्योंकि हमने नींव ही गलत जगह गाड़ी...या फिर हमने नींव गाड़ी ही नहीं..??हमने अंग्रेजो द्वारा बनाये गए महलों में बैठ कर ही रणनीतियां बनाना शुरू किया.. जिसका भुगतान आज तक हमें करना पड़ रहा है..।।

भारत तबतक समृद्ध रहा जबतक बिहार,पूर्वी उत्तर प्रदेश और बंगाल समृद्ध रहा...सिर्फ आर्थिक ही बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप  में भी समृद्ध था..जब तक ये क्षेत्र फिर से समृद्ध नही होंगे तबतक भारत कभी भी समृद्ध नही होगा,न ही कभी भारत की फिर से विश्वगुरू बनने की महत्वाकांक्षा पूर्ण होगी..इसलिए इस क्षेत्र का समृद्ध होना बहुत जरूरी है..

आखिर ये क्षेत्र पिछड़े क्यों..??

क्योंकि इन्हें आजादी की कीमत अभी भी चुकानी पड़ रही है,पहले अंग्रेजों ने फिर अंग्रेजी मानसिकता के लोगों ने..

शुरुआत में अंग्रेज का विरोध इस क्षेत्र से प्रबल हुआ, तो अंग्रेजों ने पहली अपनी राजधानी बदली और फिर धीरे-धीरे अपना पूरा व्यापार समेटकर दक्षिण की और पूर्वी और पछिमी तट पे ले के चले गए आज ये क्षेत्र समृद्ध है..

आजादी के बाद भी ये क्षेत्र समृद्ध नही हुए..क्योंकि इन्होंने आजादी के जो स्वप्न देखे थे वो आजादी के बाद दुःस्वप्न में बदल गए..आजादी सिर्फ समृद्ध लोगों को ही मिले.. आर्थिक और सामाजिक रूप से जो पिछड़े थे वो आज भी बड़ी संख्या में पिछड़े ही है..

इनके हक के मांग के कारण बार-बार हड़ताल के कारण बची खुची कंपनी भी यंहा से पलायन हो गए..

वर्तमान में ये क्षेत्र आज भी शैक्षणिक,और आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ है..

महाराष्ट्र, तमिलनाडु,कर्नाटक,केरल,आंध्रप्रदेश के 10वी पास बच्चों को नॉकरी ढूंढने में उतनी तकलीफ नही होती, जितनी तकलीफ बिहार,ओडिशा,U.P, झारखंड और बंगाल के स्नातक पास छात्रों को होती है,क्योंकि इनकी शिक्षा का स्तर आजादी के बाद गिरता ही गया..

यही हाल आर्थिक रूप में भी है.... 

आप खुद सोचिए जब उत्तर भारत समृद्ध था तो पूरे विश्व का नेतृत्व करता था..मगर आज..हम कंहा है..??

मगर अब समय का पहिया घूम रहा है..ज्यों-ज्यों उत्तर भारत भी समृद्ध होता जाएगा भारत फिर से पूरे विश्व को दशा एयर दिशा तय करेगा..।।


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