क्या आप किसी ने नाराज़ हैं, क्योंकि उसने आपके साथ कुछ बुरा किया था और क्या आपको लगता है कि वह माफ़ी का अधिकारी नहीं है?
कितनी हास्यास्पद बात है कि हममें से अधिकांश लोग ये मानते हैं कि यदि हम किसी को माफ़ नहीं करेंगे तो उसे कष्ट होगा, जबकि सच्चाई इसके बिल्कुल विपरीत है। यदि हम किसी को माफ़ नहीं करते तो कष्ट हमें ही होता है।
किसी के आपके साथ बुरा करने पर उसे माफ़ न करना आपको दुःख के एक लंबे रास्ते पर ले जाएगा और उस पूरी यात्रा में आपको पता भी नहीं चलेगा कि आपके दिमाग़ में कितने नकारात्मक विचार घूम रहे हैं, और आपको कमज़ोर, उलझा हुआ एवं निराश बनाते जा रहे हैं।
जब हम किसी को क्षमा नहीं करते तो हम उसके जैसे बनने लगते हैं। जितनी अधिक नफ़रत हम उससे करते हैं, उतना ही अधिक हम उसके जैसे बनते जाते हैं। हमें पता भी नहीं चलता कि कब हम ख़ुद को एक क्षुब्ध, असभ्य और हृदयहीन व्यक्ति के रूप में बदल लेते हैं।
अतः हमेशा याद रखें- माफ़ी वास्तव में, माफ़ कर देने वाले के लिए होती है!
(ये लेख स्नेह देसाई द्वारा लिखित है,जो "अहा जिंदगी" पत्रिका में प्रकाशित हुई थी..)
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