इससे बचपन की कुछ यादें जुड़ी हुई है..
हां सच में,कुछ ही यादें जुड़ी हुई है..।।
हमारी(~70% से ज्यादा की) परवरिश और शिक्षा वैसी जगह पर हुई, जंहा पे, शिक्षक को भी पूर्णतया 26 जनुअरी की महत्वता का पूर्ण ज्ञान नही था/है..।।
आज भी भारत की ~50% से ज्यादा आबादी को पता नही होगा कि हम 26 जनुअरी क्यों मनाते है..??
- स्कूली बच्चों के लिए बस एक उत्सव होगा..
- कामगार लोगों के लिए ये एक छुट्टी का दिन होगा..
( वैसे भी आज संडे है...90% से ज्यादा कामगार लोग मन ही मन बोल रहे होंगे साला एक छुट्टी मारा गया..क्योंकि हमें काम से प्यार नही बल्कि आर्थिक उपार्जन का एक साधन मात्र है)
-नेताओं के लिए झंडोत्सव का दिन होगा..
सच कहूं तो किसी के लिए ये खास दिन नही होगा..
ना ही सरकार चाहेगी की ये कोई खास दिन हो..सिर्फ छुट्टी के सिवा..।।
हम 26 जनुअरी क्यों मनाते है..??
आज भी भारत के बहुत बड़ी आबादी को स्वतंत्रता और गणतंत्रता के बारे में पता नही है..
आज के ही दिन हमारा संविधान लागू हुआ,और पूरा देश का वागडोर अब किसी के हाथ मे नही बल्कि संविधान के हाथ मे था..
और इस संविधान को शक्ति "हम भारत के लोग" से मिल रही थी..
हमारे संविधान निर्माताओ ने कई सपने देखें थे..कुछ साकार हुए,और कुछ को साकार करने का प्रयत्न कर रहे है,और कुछ का सिर्फ दिखावा कर रहे है..
हमारे संविधान निर्माताओं ने - सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय का सपना था..अभी तक कोई सपना पूरा नही हुआ है..
सामाजिक न्याय में बहुत हद तक सुधार हुआ है..मगर अभी भी आपको ढेर सारे ऐसे घटना देखने को मिल जाएगा जो आपको विचलित कर देगा..4 दिन पहले की बात है राजस्थान में एक दलित की शादी पुलिस और फ़ोर्स के सरंक्षण में करवानी पड़ी क्योंकि दूल्हा घोड़ी पर चढ़ करके जा रहा था..क्योंकि उस परिवार वर्षों पहले घोड़ी पे चढ़ने के वजह से दूल्हा की हत्या कर दी गई थी..
•आर्थिक न्याय...अब आप ही बताए कि कितना न्याय हुआ है..
हां आज 90 के दशक जैसी गरीबी नही है..मगर आज आय की असमानता आजादी के बाद से बढ़ती ही जा रही है..
" भारत के 1% लोगों के पास आय का 40.1% है,वंही
भारत के 10% लोगों के पास आय का 77% है.."
• राजनीतिक न्याय:- आज कोई आम आदमी M.L.A और M.Ps का चुनाव नही लड़ सकता क्योंकि आज इस चुनाव में जिनके पास पैसा और रुतबा है,उन्हें ही पार्टी टिकट देती है..भले ही आपने समाज मे कितना योगदान दिया है..इससे पार्टी को कोई मतलब नही है..
हमारा संविधान 5 तरह की स्वंतंत्रता की बात करता है:-
" विचार,अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना"
आज अगर आप किसी भी सरकार के खिलाफ गलत विचार और अपना अभिव्यक्ति रखते है..तो आप सरकार के रडार पर आए चाहे नही आये मगर आप उनके अनुयायी के राडार पर जरूर आ जाएंगे(वर्तमान हरेक राष्ट्र का यही हाल है)
-आज एक दूसरे के प्रति कितना विश्वास रह गया है हम-आप जानते ही है..
-धर्म और उपासना..आज बहुत सारे लोग धर्म और उपासना के बारे में कुछ नही जानते मगर इसके बारे में बड़ी-बड़ी बातें करते है..।।
फिर हमारा संविधान "प्रतिष्ठा और अवसर की समानता" की बात करता है..
अगर आप किसी सरकारी दफ्तर में जाते है तो कितना प्रतिष्ठा मिलता है..
जंहा तक अवसर की समानता की बात है..ये तो मजाक बन कर रहा गया है..
जब आप इसकी मांग करेंगे तो आपके ऊपर सिर्फ ज्यादती होगी..
हाल ही में बिहार में एक घटना घटी.. BPSC के अभ्यार्थियों ने री-एग्जाम की बात की क्योंकि 11 हज़ार छात्रों का एग्जाम दुबारा लिया जा रहा था..सरकार ठंड के रातों में पानी से भिंगो कर लाठी से बुरी तरह मारा..
(BPSC के 12 दिसम्बर वाले एग्जाम से 6%छात्र पास हुए, और 4 जनुअरी वाले एग्जाम से 20% से ज्यादा छात्र पास हुए)
कंहा है अवसर की समानता..??
अगर आप हिंदी भाषी राज्य में जन्म लेते है तो आपका औसत मासिक आय 9 हज़ार के आसपास होगा..
और आप गैर हिंदी भाषी राज्य में जन्म लेते है तो आपका मासिक आय ~27हज़ार होगा..
उत्तर भारत के स्कूल में, 10 में से शायद 2 ही बच्चे 10वी क्लास तक स्कूल में कंप्यूटर का इस्तेमाल कर पायेगा..
वंही दक्षिण भारत मे 10 में से 9 छात्र स्कूल में कंप्यूटर का इस्तेमाल कर पाते है..
कंहा है समानता..??
सरकार को क्या करना चाहिए:-
सरकार को कुछ नही भारत के हरेक नागरिक को अपने "मौलिक अधिकार" और "मौलिक कर्तव्य"का ज्ञान अनिवार्य करना चाहिए..
जिस तरह सरकार ने "सर्व शिक्षा अभियान" चलाया उसी तरह सरकार को " सबको मौलिक अधिकार और मौलिक कर्तव्य का ज्ञान हो" का अभियान चलाना चाहिए..
मगर सरकार नही चलाएगी..
क्योंकि आज भारत मे कुछ चंद ही लोग है, जिन्हें मौलिक अधिकार का भान है,जब ये अपने अधिकार को लेकर सड़क पर उतड़ते है तो इन्हें दमन करने में सरकार को सहूलियत होता है..
अगर सबको मौलिक अधिकार का भान हो जाएगा तो सरकार तब कैसे दमन कर पायेगी..?
सभी को 26 जनुअरी को ढेर सारी शुभकामनाएं..
"गणतंत्रता दिवस" की शुभकामनाएं देकर आपको असमंजस में नही डालना चाहता..
क्योंकि कंही आप ये न सोचने लगे कि गणतंत्र क्या होता है..??
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