हमें इस बात का भले ही अहसास न हो कि हमारे आस-पास कोई नही है,मगर वास्तविकता तो ये है कि हमारे आसपास एक पूरी आभासी दुनिया है..
आप इससे जबतक भागने की सोचेंगे तबतक बहुत देर हो चुकी होगी..क्योंकि आप इस दलदल में इतना फंस चुके होंगे कि, इसके बिना आप रह ही नही पाओगे..
आप दो कदम तो बाहर निकलने के लिए बढ़ाओगे..मगर आप फिर इसके और आकर्षित होकर इस दलदल में कूद जाओगे.।।
ये दलदल,ये आभासी दुनिया हमारे-आपके हाथ मे ही है..
ये स्मार्टफोन..
जरा सोचिए इसने आपसे क्या-क्या छीना है...??
इसने आपसे सबकुछ छीन लिया है..
आपका नींद,चैन,सुकून, आंनद.. सबकुछ..
अगर आप असफल है..तो इसका सबसे बड़ा योगदान इस स्मार्टफोन का भी होगा..।।
आपने आखरी बार कब 2 घंटे भी एकांकी समय गुजारा था..
शायद आपको याद नही होगा..
स्मार्टफोन तक तो ठीक था..अब तो स्मार्टवॉच भी अच्छी तरह से हमारी चैन छीन रहा है..
दुनिया पर वही राज करते है..
जिनके पास सोचने और समझने की शक्ति है..
आज स्मार्टफोन और सोशल मीडिया हमारे सोचने और समझने की शक्ति ही छीन रहा है..
हमारा अपना कोई विचार ही नही है..
जिसका विचार पसंद आये हम उसके साथ हो लेते है..मगर ये नही सोचते कि क्या सही है या क्या गलत..।
हमारी स्थिति सच मे गुलामों जैसी हो गई है...
• आपने अपना समार्टफोन इसलिए लिया होगा क्योंकि आपने कंही ऐड देखा होगा..
•आज हम ~60% से ज्यादा सामना कंही न कंही ऐड देख के ही लेते है..चाहे वो खाने का हो या फिर पहनने का..
आज हम खुद से कुछ कर ही नही रहे है,हमसे तो किसी न किसी रूप में कराया जा रहा है..
एक घंटा एकांतवास में गुजारे..
जंहा सिर्फ और सिर्फ आप ही हो..
आपका स्मार्टवॉच भी न हो..
देखिए जिंदगी में कैसा बदलाव आता है...।।
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