मंगलवार, 21 जनवरी 2025

आप अपने बच्चों के साथ कितना समय बिताते हैं..

वर्तमान में जिंदगी कितनी आसान हो गई है..
2010 से पहले तक लगभग हरेक चीज के लिए लाइन लगाना पड़ता था..
मगर वर्तमान में लगभग किसी चीज के लिए लाइन लगाना नही पड़ता है..
मगर फिर भी,समय नही बचता....
आखिर ये समय कंहा चला जाता है..??

वर्तमान में हमारे पास इतना समय नही बचता की हम अपनों बच्चों के साथ समय बिताए...।।
बच्चों के साथ रहने का मतलब बच्चों के साथ समय बिताना नही है..
आप जरा गौर कीजियेगा..
जब आप बच्चों के साथ होते है तो क्या करता है..
अगर बच्चा रोये तो आप यूट्यूब पे वीडियो लगा के दे देते है,
या TV पे कार्टून लगा देते है,या फिर कुछ खाने को दे-देते है..
मगर आप ये जानने की कोशिश नही करते कि आखिर वो रो क्यों रहा है...
आजकल ये चलन बढ़ता जा रहा है..
हमारे-आपके बच्चें आजकल अपने परिवार के जगह मोबाइल के साथ व्यतीत करते है..
क्योंकि उसका रोना और उसका मटरगस्ती हमें पसंद नही आता..
इसीलिए हम उसके हाथ में एटम बम रूपी मोबाइल हाथ मे धरा देते है..जो बहुत ही घातक है..।।



क्या आपको याद है..
आपने आखरी बार किसी बच्चे के साथ मटरगस्ती कब किया था..
या फिर उसके साथ सफर पे कब गए थे..
या उसके साथ बातचीत करते हुए कब सोये थे..

वर्तमान में हम इतना एकांकी हो गए है की, जो हमारे साथ है,उसके साथ होते हुए भी हम नही है..क्योंकि हमने एक अपना ही दुनिया रच लिया है..ये दुनिया यूट्यूब, इंस्टाग्राम, और फेसबुक है..इस दुनिया के लिए हमारे पास इतना समय है कि हम खाना-पीना यंहा तक कि सोना भूल जाते है..।।

इसके चक्कर मे हम अपने बच्चों को समय नही दे पा रहे है..
हम 3 से 6 घंटों तक विन्ज़ो वाच करते है मगर बच्चों के ऊपर 30 मिनट भी क्वालिटी टाइम नही बिताते..।।

आखिर क्यों...??
हाल ही में एक रिपोर्ट के अनुसार 10 में 7 परिवार वालों ने माना कि वो अपने बच्चों से ज्यादा समय स्मार्टफोन(सोशल मीडिया) पे देते है,जिस कारण बच्चों और पेरेंट्स में दूरियां बढ़ी है..।।






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