मंगलवार, 4 फ़रवरी 2025

अनुभूति : जब से तुम आये हो..

कुछ दिनों से जिंदगी बिल्कुल बदली-बदली सी लग रही है..
कुछ दिनों से आंतरिक बदलाव को महसूस कर रहा हूँ..
सच कहूं तो इस बदलाव को महसूस करके मैं भी अचंभित हूँ,
ये बदलाव मेरे जिंदगी में पहले क्यों नही घटित हुआ..।

जब से आप आये हो मेरे जिंदगी में जिंदगी बिल्कुल बदल ही गया है..
आपका मौन मुस्कान हर बार मुझे प्रफुल्लित करता है..।


इस बदलाव की शुरुआत परमहंस योगानंद की आत्मकथा "योगी कथामृत" को समाप्त करते ही शुरू हुआ..
 मैं महसूस कर पा रहा हूँ कि मैं आंतरिक रूप से प्रफुल्लित हूँ..



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