जिंदगी अब क्या हो गई है..।
ढेर सारे सपने सच कहूं तो कोई सपने थे ही नही..
अगर होते तो, जिंदगी क्या हो सकती थी..।
आधी उम्र बीत गई है..
इस उम्र में मेरे हमउम्र मुझसे बहुत आगे निकल चुके है..
मैं आज भी वंही का वंही हूँ..।
जिंदगी क्या हो सकती थी..
जिंदगी अब क्या हो गई है..।।
अभी भी मैं,उदास नही हूँ..
क्योंकि आधी उम्र अभी बाकी है..😊
उम्मीद है आनेवाला कल बेहतर होगा..
मगर मालूम नही की क्या करूँगा..
की आनेवाला कल बेहतर होगा..
अपने अंदर हो रहे बदलाव को कुछ सप्ताह से महसूस कर पा रहा हूँ..।
उस ईश्वर की कृपा अब मुझपे बरष रही है..
है प्रभु ..
अब जिंदगी अच्छी हो रही है..।
और आनेवाला कल भी सुनहरा होगा...
आपके मार्गदर्शन से जिंदगी बेहतर से बेहतर होती जाएगी..।।
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