आज सहसा फिर तुम्हें ढूंढने निकला..
वंही जंहा पहले तुम्हें ढूंढने को जाया करता था..
फेसबुक और इंस्टा पर..
आज भी वही हुआ जो पहले होता आया है..
आज फिर तुम नही मिली..
ये शायद आखरी बार था..
अब तुम्हें नही ढूंढूंगा..
तुम्हे ढूंढते वक़्त यही ख्याल आ रहा था..
आखिर तुम याद ही क्यों आई..
शायद तुमने याद किया होगा..
इसीलिए तुम याद आई..।।
कैसे बताऊँ तुम्हें की,
कितना प्यार करता हूँ..
तुम्हें याद करते ही आंखें नम हो जाती है..
और चेहरे पे मुस्कान आ जाती है..
आज सहसा फिर तुम्हें ढूंढने निकला..
वंही जंहा पहले तुम्हें ढूंढने को जाया करता था..।।
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