मंगलवार, 31 दिसंबर 2024
नव वर्ष मंगलमय हो..😊
मैंने मुस्कुराना सीख लिया है..😊
सोमवार, 30 दिसंबर 2024
अपनी समस्या से खुद निपटे..
भारत विश्वगुरु कब बनेगा..??
अगर आपको इतिहास में रुचि है,या फिर आप इतिहास को जानते है तो आपको भली-भांति पता होगा कि भारत प्राचीन और मध्यकाल में,पूरे विश्व मे अपना प्रमुख स्थान क्यों रखता था..??
भले ही आज हम आर्थिक प्रगति कर रहें है..और आर्थिक रूप से हम GDP के मामले में टॉप 5 देशों में आते है,मगर उसका दूसरा पहलू ये है कि पर कैपिटा GDP इनकम के मामले में हम टॉप हंड्रेड देशों के सूची(141) में भी नही आते..।।
आखिर क्यों..??
प्राचीन काल मे भारत की जनसंख्या विश्व की जनसंख्या का लगभग 33% था, वंही GDP विश्व के GDP का 33-35% था
और मध्यकाल में भारत की जनसंख्या विश्व की जनसंख्या का ~28% था, वंही GDP विश्व के GDP का 30-33%...
आखिर फिर क्या हुआ कि भारत पिछड़ गया....??
ये सबको पता है कि 1700 ईस्वी के बाद भारत ब्रिटेन के चंगुल में फंसता गया और भारत को निचोड़ता गया..भारत को निचोड़ कर ही यूरोप में औद्योगिक क्रांति की शुरुआत हुई,और यूरोप इस क्रांति से इतना संपन्न हुआ कि पूरे विश्व पे अपना छाप छोड़ा जो अभी भी दिख रहा है..।
मगर 1947 में हमें आजादी मिल गई भले ही हमें उस तरह से नही मिली,मगर मिल गई..फिर आखिर क्या हुआ की हम खड़ा होना तो शुरू किए मगर अभी तक उस अवस्था मे खड़े नही हो पाए ...??
क्योंकि हमने नींव ही गलत जगह गाड़ी...या फिर हमने नींव गाड़ी ही नहीं..??हमने अंग्रेजो द्वारा बनाये गए महलों में बैठ कर ही रणनीतियां बनाना शुरू किया.. जिसका भुगतान आज तक हमें करना पड़ रहा है..।।
भारत तबतक समृद्ध रहा जबतक बिहार,पूर्वी उत्तर प्रदेश और बंगाल समृद्ध रहा...सिर्फ आर्थिक ही बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप में भी समृद्ध था..जब तक ये क्षेत्र फिर से समृद्ध नही होंगे तबतक भारत कभी भी समृद्ध नही होगा,न ही कभी भारत की फिर से विश्वगुरू बनने की महत्वाकांक्षा पूर्ण होगी..इसलिए इस क्षेत्र का समृद्ध होना बहुत जरूरी है..
आखिर ये क्षेत्र पिछड़े क्यों..??
क्योंकि इन्हें आजादी की कीमत अभी भी चुकानी पड़ रही है,पहले अंग्रेजों ने फिर अंग्रेजी मानसिकता के लोगों ने..
शुरुआत में अंग्रेज का विरोध इस क्षेत्र से प्रबल हुआ, तो अंग्रेजों ने पहली अपनी राजधानी बदली और फिर धीरे-धीरे अपना पूरा व्यापार समेटकर दक्षिण की और पूर्वी और पछिमी तट पे ले के चले गए आज ये क्षेत्र समृद्ध है..
आजादी के बाद भी ये क्षेत्र समृद्ध नही हुए..क्योंकि इन्होंने आजादी के जो स्वप्न देखे थे वो आजादी के बाद दुःस्वप्न में बदल गए..आजादी सिर्फ समृद्ध लोगों को ही मिले.. आर्थिक और सामाजिक रूप से जो पिछड़े थे वो आज भी बड़ी संख्या में पिछड़े ही है..
इनके हक के मांग के कारण बार-बार हड़ताल के कारण बची खुची कंपनी भी यंहा से पलायन हो गए..
वर्तमान में ये क्षेत्र आज भी शैक्षणिक,और आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ है..
महाराष्ट्र, तमिलनाडु,कर्नाटक,केरल,आंध्रप्रदेश के 10वी पास बच्चों को नॉकरी ढूंढने में उतनी तकलीफ नही होती, जितनी तकलीफ बिहार,ओडिशा,U.P, झारखंड और बंगाल के स्नातक पास छात्रों को होती है,क्योंकि इनकी शिक्षा का स्तर आजादी के बाद गिरता ही गया..
यही हाल आर्थिक रूप में भी है....
आप खुद सोचिए जब उत्तर भारत समृद्ध था तो पूरे विश्व का नेतृत्व करता था..मगर आज..हम कंहा है..??
मगर अब समय का पहिया घूम रहा है..ज्यों-ज्यों उत्तर भारत भी समृद्ध होता जाएगा भारत फिर से पूरे विश्व को दशा एयर दिशा तय करेगा..।।
शुक्रवार, 27 दिसंबर 2024
आर्थिक सुधार के नायक...मनमोहन सिंह
सोमवार, 23 दिसंबर 2024
हम उदास क्यों होते है..
रविवार, 22 दिसंबर 2024
कोई बुरा नही होता..
चलो खुद को बदलते है..
बुधवार, 18 दिसंबर 2024
दूसरों में कमियां निकालना बंद कीजिए..
शुक्रवार, 13 दिसंबर 2024
बिहार की धरती बांझ हो चुकी है...
बिहार की धरती बांझ हो चुकी है.. फिर से एक हलधर की जरूरत है ..
जो पूरे बिहार को अच्छी तरह से कुरेदकर..
इसके बांझपन को नाश करें..
फिर से एक चाणक्य की जरूरत है..
जो बिहार की जड़ता खत्म कर..
एक नया कीर्तिमान रचें..
फिर से एक शेरशाह की जरूरत है..
फिर से एक जयप्रकाश नारायण की जरूरत है..
जो पूरे देश के युवाओं के जड़ता को तोड़कर
एक आंदोलन खड़ा कर..
सक्ता पे आसीन जर हो चुके नेताओं को उखाड़ के फेंके..
बिहार की धरती बांझ हो चुकी है..
फिर से एक हलधर की जरूरत है..
जो इसके बांझपन को मिटाये...
कंहा हो तुम..
बुधवार, 11 दिसंबर 2024
हमारे भगवान..
शनिवार, 7 दिसंबर 2024
सपने अगर अपने हो..
शुक्रवार, 6 दिसंबर 2024
हमारे हिस्से की लड़ाई..
सोमवार, 2 दिसंबर 2024
माफ करना जरूरी क्यों है
रविवार, 1 दिसंबर 2024
आप खुद से कितना प्यार करते है..
शुक्रवार, 29 नवंबर 2024
चलो फिर से जीते है..
गुरुवार, 28 नवंबर 2024
हरेक चीज का महत्व है...
किस से बात करू...
रविवार, 24 नवंबर 2024
जबतुम थक जाओ..
इक खालीपन सा है..
शुक्रवार, 15 नवंबर 2024
कितना मुश्किल है..
रविवार, 10 नवंबर 2024
मंजिले मिल ही जाती है..अगर पता हो
शुक्रवार, 1 नवंबर 2024
कभी-कभी...
बुधवार, 30 अक्टूबर 2024
इस दीवाली.."अप्प दीपो भवः"
एक नया कीर्तिमान रचना है..
रविवार, 27 अक्टूबर 2024
प्यार की पांति...मालूम नही तुम क्यों..
क्या आप भी संडे को आराम फरमाते है..
शुक्रवार, 25 अक्टूबर 2024
हम स्वयं ही..
रविवार, 20 अक्टूबर 2024
प्यार की पांति..
रविवार, 13 अक्टूबर 2024
प्यार की पांति..आज सहसा फिर तुम्हें ढूंढने निकला..
आज सहसा फिर तुम्हें ढूंढने निकला..
वंही जंहा पहले तुम्हें ढूंढने को जाया करता था..
फेसबुक और इंस्टा पर..
आज भी वही हुआ जो पहले होता आया है..
आज फिर तुम नही मिली..
ये शायद आखरी बार था..
अब तुम्हें नही ढूंढूंगा..
तुम्हे ढूंढते वक़्त यही ख्याल आ रहा था..
आखिर तुम याद ही क्यों आई..
शायद तुमने याद किया होगा..
इसीलिए तुम याद आई..।।
कैसे बताऊँ तुम्हें की,
कितना प्यार करता हूँ..
तुम्हें याद करते ही आंखें नम हो जाती है..
और चेहरे पे मुस्कान आ जाती है..
आज सहसा फिर तुम्हें ढूंढने निकला..
वंही जंहा पहले तुम्हें ढूंढने को जाया करता था..।।
शनिवार, 12 अक्टूबर 2024
विजयदशमी मनाने का अभिप्राय..
शुक्रवार, 11 अक्टूबर 2024
सफलता के प्रेरणास्रोत अमिताभ बच्चन
गुरुवार, 10 अक्टूबर 2024
भारत के रत्न "रतन टाटा"..
रविवार, 6 अक्टूबर 2024
हे प्रभु अब हार चुका हूं..
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हमलोग कछुआ और खरगोश की कहानी बचपन से ही सुनते आ रहें है.. इस कहानी में अभी तक खरगोश जीत नही पाया है.. आखिर क्यों..?? कभी इस और ध्यान गया है....
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क्या आपको बच्चों की किलकारिया परेशान करता है..?? अगर हां.. . तो आपको सोचने की जरूरत है.. की, क्या आप जिंदा है या फिर मशीन बन(मर) चुके है..। ...
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शिव कौन है...?? जरा सोचिए🤔...आपके अनुसार शिव कौन है..?? मेरे अनुसार..सवाल ही गलत है..।। शिव कौन नही है..?? जो कुछ भी है सब शिवत्व ही है..।।...